मात्र 4 माह कार्य दिवस में त्वरित सुनवाई करते हुए सुनाई गई सजा
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दितीय अजय कुमार सिंह की आदालत ने सुनाई सजा, 20000 र जुर्माना भी लगाया
जुर्माना की राशि नहीं देने पर 1 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी
लगभग 18 वर्ष तक आरोपी फरार रहा था
पुलिस उसे 28 जुलाई 2023 को गुजरात से गिरफ्तार कर लाई थी
ब्युरो चीफ-रवि छाबड़ा
कोडरमा : यूव़ती से दुष्कर्म कर हत्या किए जाने के एक मामले की मात्र 4 माह कार्य दिवस में त्वरित सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने शनिवार को आरोपी मुकेश कुमार 39 वर्ष, पिता -रक्षा सिंह, शिवपुर, सतगावा जिला- कोडरमा निवासी को 302 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही ₹20000 जुर्माना लगाया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर 1 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वहीं अदालत में 376 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई एवं ₹20000 जुर्माना लगाया जुर्माना की राशि नहीं देने पर 1 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वहीं न्यायालय ने 449 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए 5 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई एवं ₹10000 जुर्माना लगाया । जुर्माना की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सभी सजाऐ साथ-साथ चलेंगी।
मामला वर्ष 2005 का है । इसे लेकर सतगावा थाना कांड संख्या 10/ 2005 एवं ST- 93/2007 दर्ज किया गया था।
अभियोजन का संचालक लोक अभियोजक पीपी श्रीमती एंजेलिना वारला ने किया। इस दौरान सभी 8 गवाहों का परीक्षण कराया गया । लोक अभियोजक पीपी एंजेलिना वारला ने कार्रवाई के दौरान अपराध की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय से अभियुक्त को अधिक से अधिक सजा देने का आग्रह किया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से एल ए डीसी डिप्टी चीफ किरन कुमारी ने दलीलें पेश करते हुए बचाव किया। अदालत ने सभी गवाहों और साक्षयो का अवलोकन करने के उपरांत अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया। बताते चले कि न्यायालय ने 15 फरवरी को आरोपी को दोषी उठहराया था।
इसे लेकर करिता देवी ने सतगावा थाना में मामला दर्ज कराया था थाना को दिया आवेदन में कहा था कि 4 मार्च 2005 को रात्रि में अपने कमरे में सोई थी । करीब 4:30 बजे सुबह में बचाओ बचाओ की आवाज पर नींद खुली और आवाज की ओर दौड़ कर ग ई तो देखा कि एक युवक उसके ननद के कमरे से निकल रहा है । उसे वह पीछे से पकडने का प्रयास की। चेहरा देखा तो बगल का मुकेश कुमार पिता रक्षा सिंह था । उसने मुझे धक्का देकर छत की ओर भागा और छत पर से भाग गया। उसके बाद वह ननद के कमरे में गई तो उसे जमीन पर चित मृत पाया। सलवार का नारा खुला हुआ था । उन्होंने पड़ोसी मुकेश कुमार पर ही दुष्कर्म कर हत्या करने का आरोप लगाया था।