ब्युरो चीफ देवघर – सुधांशु शेखर
देवघर: स्थानीय ओमसत्यम इंस्टिट्यूट ऑफ फिल्म, ड्रामा एंड फाइन आर्ट्स एवं विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान के युग्म बैनर तले पिछले दिन राजस्थान दिवस के अवसर पर आयोजित चित्रांकन प्रतियोगिता में देवघर संत फ्रांसिस स्कूल की देव्यांशी सिंघानिया को प्रथम, एकलव्य पब्लिक स्कूल की दिव्या कुमारी को द्वितीय, एस. के. पी. विद्या विहार की अंशिका सिंह को तृतीय, गीता देवी डीएवी पब्लिक स्कूल की अवनीता भाष्कर को चतुर्थ, उत्क्रमित उच्च विद्यालय, वार्ड नम्बर छः की अनुषा कुमारी को पंचम, ब्राइट कैरियर स्कूल की आध्या कुमारी को षष्ठ एवं देवघर संत फ्रांसिस स्कूल की इशिका झुनझुनवाला को सप्तम स्थान प्राप्त हुआ। सभी विजयी प्रतिभागियों को आगामी 14 अप्रैल को दीनबंधु उच्च विद्यालय के रवींद्र सभागार में पुरस्कृत किया जाएगा। मौके पर विवेकानंद संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव ने कहा- राजस्थान दिवस, हर वर्ष 30 मार्च को मनाया जाता है। 30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर वृहत्तर राजस्थान संघ बना था। इस दिन राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति तथा बलिदान को नमन किया जाता है। यहाँ की लोक कलाएँ, समृद्ध संस्कृति, महल, व्यञ्जन आदि एक विशिष्ट पहचान रखते हैं। इस दिन कई उत्सव और आयोजन होते हैं जिनमें राजस्थान की अनूठी संस्कृति का दर्शन होता है। इसे पहले राजपूताना के नाम से जाना जाता था तथा कुल 19 रियासतों को मिलाकर यह राज्य बना तथा इसका नाम राजस्थान किया गया जिसका शाब्दिक अर्थ है, राजाओं का स्थान क्योंकि स्वतन्त्रता से पूर्व यहाँ कई राजा-महाराजाओं ने राज किया। राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में हुआ। इसकी शुरुआत 18 अप्रैल 1948 को अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली रियासतों के विलय से हुई। इसमें सरदार वल्लभभाई पटेल जी की सक्रिय भूमिका रही।