जातिवाद शास्त्र की देन नहीं, यह नेताओं की मानसिकता की उपज है - अवध किशोर द्विवेदी
चौपारण। प्रखंड अंतर्गत ग्राम इंगुनिया में आयोजित 9 दिवसीय श्रीमद्देवी भगवत कथा सह वार्षिकोत्सव का समापन रविवार को हवन-पूजन और विशाल महाभंडारे के साथ अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव से संपन्न हुआ। इस अवसर पर गांव सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए और भगवान का प्रसाद ग्रहण किया।पूरे आयोजन की शुरुआत विधिवत यज्ञ और देवी भगवत कथा से हुई, जिसमें यज्ञाचार्य पंडित सुनील शास्त्री ने वैदिक विधि-विधान के अनुसार पूजन कार्य संपन्न कराया। मुख्य यजमान विक्की सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी नेहा सिंह ने पूरी आस्था और निष्ठा के साथ हवन में आहुतियाँ अर्पित कीं।
कार्यक्रम की विशेष शोभा बढ़ाई वाराणसी से पधारे प्रसिद्ध कथा वाचक अवध किशोर द्विवेदी ने, जिनके संगीतमय और भावपूर्ण प्रवचनों ने श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। श्री द्विवेदी ने अपने प्रवचन में जातिवाद, भ्रूण हत्या, सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव, सनातन धर्म की शक्ति, समाज में फैलते ढोंग-पाखंड जैसे ज्वलंत विषयों पर गहराई से विचार रखते हुए कहा, "शास्त्र कभी भी जातिवाद की शिक्षा नहीं देते। यह केवल कुछ स्वार्थी नेताओं की मानसिकता की उपज है, जो समाज को बांटने का कार्य करते हैं।"
उन्होंने युवाओं को सनातन धर्म की रक्षा हेतु जागरूक और एकजुट होने का आह्वान किया। उनके प्रेरणादायक शब्दों ने श्रोताओं में नई चेतना का संचार किया।
पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में पूजा समिति की महत्वपूर्ण भूमिका रही। समिति के अध्यक्ष पत्रकार अरविंद कुमार सिंह, सचिव राजीव रंजन, कोषाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह, व्यवस्थापक राकेश कुमार सिंह और मृत्युंजय सिंह (उपमुखिया प्रतिनिधि) के नेतृत्व में स्थानीय युवाओं और समाजसेवियों ने तन, मन और धन से कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित की।
संचालन में शिक्षक सुबोध सिंह, आशुतोष सिंह, रंजीत सिंह, दिलीप सिंह, लव कुमार चन्द्रवंशी, निकी सिंह, अंगद सिंह, शनि चन्द्रवंशी, सुबोध ठाकुर, ठकुरी प्रजापति, सुजीत सिंह, सुदामा सिंह, नीलेश कुमार, सुधांशु सिंह, संजय सिंह, लव कुमार सिंह, धनंजय सिंह, नवीन सिंह, सोनू सिंह, रविंद्र सिंह, राजमोहन आदि युवाओं ने उल्लेखनीय योगदान दिया।
इसके अतिरिक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में राम लगन सिंह, रामबृक्ष सिंह, सीताराम सिंह, दिनेश शर्मा, सुनील चन्द्रवंशी, रामफल सिंह, राजकिशोर सिंह, महेश सिंह, अर्जुन सिंह, रामकृपाल सिंह, शशि भूषण सिंह, रामानंद पांडेय समेत अनेक वरिष्ठजन व अभिभावकों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
समापन के दिन आयोजित विशाल भंडारे में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और भगवान का प्रसाद ग्रहण कर सनातन संस्कृति की महिमा का गुणगान किया।