
घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार मृतक अपने विद्यालय में अन्य सहपाठियों के साथ आम खा रहा था। इसी दौरान उसे शौच लगी, जिसके बाद वह विद्यालय के समीप स्थित कुएं में पानी लेने के लिए गया, जिसके बाद वह वापस नहीं लौटा। कुछ देर इंतजार करने के बाद अपने सहपाठी मृतक छात्र को वापस नहीं आते देख अन्य बच्चे कुएं के पास गए, जहां उन्होंने उसे पानी में डूबते हुए देखा। इसके बाद बच्चों ने गांव के बड़े-बुजुर्गों को मामले की जानकारी दी, जिसके बाद ग्रामीण उक्त कुएं के पास पहुंचे और बच्चे को बाहर निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद ग्रामीण बच्चे के शव को मृतक के घर ले गए और उसकी मां की सहमति के बाद बच्चे के अंतिम संस्कार के लिए उसे मिट्टी में दफन कर दिया गया। जब उक्त मामले की जानकारी दिल्ली में रह रहे मृतक के बड़े भाई को मिली तो उसने इसकी सूचना गिरिडीह पुलिस अधीक्षक को दी। जिसके बाद गिरिडीह पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर खोरीमहुआ एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद, बीडीओ मनीष कुमार, थाना प्रभारी रंजय कुमार, सहायक अवर निरीक्षक नंद जी राय समेत कई पुलिस के जवान पहुंचे और मजिस्ट्रेट के सामने मृतक के शव को मिट्टी से बाहर निकाला। साथ ही शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गिरिडीह भेज दिया।
इस संबंध में मृतक की मां ने बताया कि दो बच्चे उसे बुलाने उसके घर आए थे, जिसके बाद उसका बेटा साजन उनके साथ चला गया। बाद में उसे पता चला कि उसके बेटे की कुएं में डूबने से मौत हो गई है। उन्होंने किसी पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया है। इधर, जब खोरीमहुआ एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद से मामले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बच्चे का शव कुएं में मिलने के बाद ग्रामीणों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। लेकिन चूंकि यह मौत का मामला है, इसलिए पुलिस को इसकी सूचना देनी चाहिए थी। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है।